तकनीकी- शिखर पाने का मार्ग
तकनीकी- शिखर पाने का मार्ग
अनुभव से जब मिली तकनीकी, नए आविष्कारों की झड़ी लगी
शुद्धता, परिपक्वता काम में दिखती, मंजिल नई हर रोज मिली।
लक्ष्य अपना दूर था लेकिन, हौंसलों में अपने कमी नहीं
मशीनरी की थोड़ी कमी जरूर थी, पर नई तकनीकी की कमी बड़ी।
अभिव्यक्ति का मार्ग खुला तो, हर पीढ़ी संग आन मिली
विचार-विमर्श किया जीत-हार पर, तब अपनी कमियों की पोल खुली।
देश-विदेश से पढ़-सीख के आए शिक्षार्थी, जिस तकनीकी की माँग बड़ी
पूरे होंगे हर टूटते सपने, ज्ञान-कौशल ने फिर हुंकार भरी।
चाँद, मंगल तक पहुँच चुके है, जीत अन्य ग्रहों पर दूर नहीं
बुलंद हो चुके हौंसले भी, विकास कार्यों में भी होड़ मची।