बुलंद हो चुके हौंसले भी, विकास कार्यों में भी होड़ मची। बुलंद हो चुके हौंसले भी, विकास कार्यों में भी होड़ मची।
शीत है हिन्दी, ग्रीष्म है हिन्दी। वर्षा है हिन्दी, हर इक ऋतु है हिन्दी।। शीत है हिन्दी, ग्रीष्म है हिन्दी। वर्षा है हिन्दी, हर इक ऋतु है हिन्दी।।