प्यार के दो पल
प्यार के दो पल
भूल जाये तू अगर प्यार के दो पल, क्या करूँ फरियाद भी,
चोट हमारे दिल पे है लगी कि, हिल गयी बुनियाद भी।
करूँ तेरा इंतजार मैं, तू भूल जाये उन पलों को तब भी,
मुखड़ा तेरा दिखा जा जरा, करूँ प्यार में तेरा दीदार भी।
न भुला देना इस प्यार को यूँ, जीवन साथी है तुम हम,
जिन्दा रखना प्यार की गुफ्तगू, साथ देना तुम हरदम।
चूम लूँ तेरे गुलाबी होंठों को, प्यार को चढ़ा दूँ परवान,
करूँ बे इंतहा प्यार तुमसे, देखेगा जग सारा हो हैरान।
चलो उड़ जाए पंख लगाकर, बादलों पर आशियाँ बनायें,
डूब जाये एक दूजे में हम, प्यार की एक बगिया सजायें।
चोट जो लगी है दिल पर, प्यार की मरहम तो लगा दो,
क्यों होती हो यूँ रुसवा, दिल में फिर से प्यार जगा दो।
भूल कर सारे गिले शिकवे, कदम से कदम मिलाकर चलें,
जोड़ दें हिली हुई बुनियाद, आओ हम तुम साथ चलें।
यूँ चलकर साथ जीवन पथ पर, प्यार की नई मिसाल गढ़ें,
हाथ पकड़ कर एक दूजे का, प्रीत पथ पर हम साथ बढ़ें।
पल दो पल का साथ यह, चलो प्यार संग जीवन गुजारें,
पल दो पल का प्यार है यह, प्रीत रंग की उड़ाएँ बौछारें।
तेरा मेरा मिलना तो तय था, रब की ही मंशा थी यह,
तेरा मेरा जुड़ना लिखा था, रब की ही अनुशंसा थी यह।
प्यार तो ख़ुदा की नियामत है, ताउम्र हम तुम निभाएंगे,
एक दूजे की खिदमत में हम, प्यार के नगमे गायेंगे।
न होगी भावों की बंदिशें, न होगी एक दूजे से रंजिश,
साथ चलेंगे जीवन पथ पर, करेंगे पूरी मन की ख्वाहिश।
मैं तेरा बन जाऊँ पिया, तुम भी तो बन जाना मेरी प्रियतमा,
लिखूंगा मैं प्रेम के अढ़ाई अक्षर, तो लिखना प्रीत का नगमा।
चलो प्रीत संग रिश्ता निभाएं, बन के एक दूसरे के परिपूरक,
मेरे आगोश का लेकर सहारा, बाती बन जलती रहना अपलक।
होकर एक दूजे में समाहित, चलो दे चलें जग को प्रकाश,
मेरे कंधों का लेकर सहारा, उड़ जाना तुम, छू लेना आकाश।
प्यार के इन पलो को बांध दिल से, लड़ जाना तुम जग से,
प्रेम के भाव से पा जाना ताकत, लड़ जाना जग में सब से।
प्रीत जगत में न कोई बराबरी, अपनी जगह दोनों महान,
एक के बिन दूजा न चले, मिलकर करते सब कुछ आसान।
एक दूजे को दें हम पूर्णता, अकेले हम दोनों हैं आधे आधे,
दोनों मिलकर बन जाए एक, साथ साथ इन पलों को साधे।