अपरिवर्तित प्रेम
अपरिवर्तित प्रेम
तुम भी कमाल करते हो मिसाल मेरे नाम की का दावा कहीं और करते हो
दम भरते मेरी मोहब्बत का इज़हार कहीं और करते हो
आख़िर ये सब मसला क्या है अरे बता तेरा दिल फिसला कहाँ है
मैंने कहा था तुझको कि बदल मत जाना अपरिवर्तित प्रेम करके मुझसे निभाना
तुम भी पता नहीं क्या चाल चलते हो बाते मुझसे ख़्याल किसी ओर का करते हो
सोचा था जिस रूप में हो उसी में स्वीकार करते हो
बीच लहरों में फँसी नाव को पता नहीं कब बाहर करते हो
पतझड़ सा है जीवन मेरा कब बसंत की बहार करते हो
तुम्हारे बदलने के नजरिये का क़ायल हो गया हूँ
कर अपरिवर्तित प्रेम तुमसे घायल हो गया हूँ
तुम तो फ़ितरत बदलने में माहिर लगते हो बदल कर तक़दीर मेरी अब करवट बदलते हो
ऐसा हमसे तेरा क्या गुनाह हो गया जो तू इस कदर कटकर मुझसे खफ़ा हो गया
मुझको ये बोला जो कि तू मेरी जिंदगी से दफ़ा हो गया
ये तेरी समझदारी तो मुझको नहीं लगती बिन बात के जो तुम हम पर हो इतना भड़की
अरे तू मेरे दिल - रूह को इतना मत तड़पा लड़की
हम तो अपरिवर्तित प्रेम के पुजारी बन कर गए अपनी दिल तुम पर कुर्की।