मुसाफ़िर
मुसाफ़िर
कुछ इस कदर इश्क़ में
खुद को फ़ना कर लिया
तुझको खुदा कर के हमने
खुद को तबाह कर लिया।
तेरी ज़ुल्फों की फ़िजाओं ने
कुछ ऐसा नशा कर दिया
बेख़ुदी मे कहीं खो गई ख़ुदी
तन्हा जीना एक सजा कर दिया।
तेरी वादा ख़िलाफ़ियों ने
तुझको बेवफ़ा कर दिया
उम्रभर का दर्द देकर
दर्दों को ही दवा कर दिया।
तेरी हुस्न-ए-अदाओं ने
नमाज़ियों को भी क़ाफ़िर कर दिया
निकला था मुकम्मल इश्क़ की आरज़ू में
अधूरे सफ़र का एक मुसाफ़िर कर दिया
अधूरे सफ़र का एक मुसाफ़िर कर दिया।