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Krishna Basera

Classics

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Krishna Basera

Classics

जब खुद से खुद की दूरी हो

जब खुद से खुद की दूरी हो

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न जाने क्यों है ये

खुद से खुद की दूरी

जाने कैसी कमी-सी है

जो हो न पायी अभी पूरी।


या टूटा कोई सपना हो

या कोई ख्वाहिश अधूरी

हर हाल में पर जीना हो

चाहे हो जो भी मजबूरी।


ये जीना भी कोई जीना है

जब जीना ही एक सवाल बन जाये

जब खुद से खुद की दूरी हो

और ज़िन्दगी बस मलाल बन जाये।


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