जब खुद से खुद की दूरी हो
जब खुद से खुद की दूरी हो


न जाने क्यों है ये
खुद से खुद की दूरी
जाने कैसी कमी-सी है
जो हो न पायी अभी पूरी।
या टूटा कोई सपना हो
या कोई ख्वाहिश अधूरी
हर हाल में पर जीना हो
चाहे हो जो भी मजबूरी।
ये जीना भी कोई जीना है
जब जीना ही एक सवाल बन जाये
जब खुद से खुद की दूरी हो
और ज़िन्दगी बस मलाल बन जाये।