Krishna Basera
Classics
चलते-चलते ना जाने,
कब मेरा हमसफ़र बन गया,
सफ़र ही मेरा मुक़ाम
और मुक़ाम ही सफ़र बन गया।
पहली मुलाक़ात
मुझे आज भी नह...
मेरे मौला
तन्हाई : दास्...
मोहब्बत
खामोशी
चलते-चलते
जब खुद से खुद...
मुसाफ़िर
आख़िरी सलाम
जिंदगी है तो उम्मीदें हैं उम्मीदें हैं तो हौसले हैं हौसलों की डोर से जिंदगी की कश्त जिंदगी है तो उम्मीदें हैं उम्मीदें हैं तो हौसले हैं हौसलों की डोर से ज...
ममता की शीतलता से कोमलता करती प्रदान माँ तुम नदी सी महान। ममता की शीतलता से कोमलता करती प्रदान माँ तुम नदी सी महान।
कोई उन्हें ठोकर नहीं लगाता, मैं एक विलुप्त प्रजाति ड्योढ़ी। कोई उन्हें ठोकर नहीं लगाता, मैं एक विलुप्त प्रजाति ड्योढ़ी।
क्या कहूँ किससे कहूँ कब कहूँ कैसे कहूँ मैं एक लड़की यही है मेरी पहचान दुनिया में। क्या कहूँ किससे कहूँ कब कहूँ कैसे कहूँ मैं एक लड़की यही है मेरी पहचान दुनिया...
ईश्वर का ये ही इशारा है जब तक साथ तुम्हारा है। ईश्वर का ये ही इशारा है जब तक साथ तुम्हारा है।
पैसे ही के लालच में, कविता गाता है रघुनाथ, पैसा देई देवता जग में, दिया बाती तेल।।4।। पैसे ही के लालच में, कविता गाता है रघुनाथ, पैसा देई देवता जग में, दिया बाती त...
जब भी लगे घमंड आया है जाओ शमशान के चक्कर लगाया करो। जब भी लगे घमंड आया है जाओ शमशान के चक्कर लगाया करो।
क्योंकि माॅ॑ के आंचल में समाया पूरा संसार है। क्योंकि माॅ॑ के आंचल में समाया पूरा संसार है।
ज़िन्दगी बड़ी नहीं,ख़ुशनुमा रखें ताकि डर न हो किसी को खोने का। ज़िन्दगी बड़ी नहीं,ख़ुशनुमा रखें ताकि डर न हो किसी को खोने का।
इनके दायरे में समा सके, बस तेरे आंचल में खुदको सिमटते, देखा है, मैंने।। इनके दायरे में समा सके, बस तेरे आंचल में खुदको सिमटते, देख...
बुरे को बुरा, और अच्छे को अच्छा आता है वो दिन, जब फल सबको मिलता। बुरे को बुरा, और अच्छे को अच्छा आता है वो दिन, जब फल सबको मिलता।
ऐसा व्यक्तित्व बनाइए की रिवाज़ से नहीं दिल से चरणस्पर्श हो। ऐसा व्यक्तित्व बनाइए की रिवाज़ से नहीं दिल से चरणस्पर्श हो।
यूं तो हर हाल में बेहाल मन रहता है जो भी हो हाल पर फिलहाल इससे नादान हो लो। यूं तो हर हाल में बेहाल मन रहता है जो भी हो हाल पर फिलहाल इससे नादान हो लो।
पर दूर तलक जब छाँव तेरे, आँचल की नहीं पाती हूँ। माँ तुम बहुत याद आती हो पर दूर तलक जब छाँव तेरे, आँचल की नहीं पाती हूँ। माँ तुम बहुत याद आती हो
एहसास से लिपटे थे ख्वाहिशों की दुनिया ये उन दिनों का प्यार था। एहसास से लिपटे थे ख्वाहिशों की दुनिया ये उन दिनों का प्यार था।
बस समय चल राहा हो इस उम्मीद के साथ कब होगा सवेरा। बस समय चल राहा हो इस उम्मीद के साथ कब होगा सवेरा।
लक्ष्मी का रूप लेकर आई है संग अपने खुशियों की सौगात लाई है। लक्ष्मी का रूप लेकर आई है संग अपने खुशियों की सौगात लाई है।
वो भीगना मचलना वो गिरना फिसलना कभी खुद ही उठना फिर आंसू बहाना। वो भीगना मचलना वो गिरना फिसलना कभी खुद ही उठना फिर आंसू बहाना।
और माँ जैसा दुनिया में कोई हो नहीं सकता। और माँ जैसा दुनिया में कोई हो नहीं सकता।
तुम्हारी गुस्ताखी की सज़ा भी तुम्हे नही देंगे पर उस दिन हम तुम्हे खत्म ही मिलेंगे। तुम्हारी गुस्ताखी की सज़ा भी तुम्हे नही देंगे पर उस दिन हम तुम्हे खत्म ही मिले...