इश्क का तूफान
इश्क का तूफान
जब भी है आती,
अरमानों को है, जगाती,
यादों को है, झिंझोर जाती,
वो दिन, जब हम होते थे साथ,
और होती थी, रिमझिम बरसात,
अनायास ही निकल जाते थे, बाहर,
बेख़बर से, भीगते ही रहते थे, जी भर,
कपोलों पर, अठखेलियाँ करता, पानी,
तेरे सुर्ख होठों को, छेड़ता चूमता, पानी,
तुम्हारी जुल्फों पे, बलख़ाता फिरता, पानी,
हो जाता था रश्क, कितना बेशरम था, पानी....
तभी बिजली का चमकना, बादल का गरजना,
डर कर ही सही, तेरा, मेरी बांहों में सिमटना,
नजदीकियाँ, महसूस करवा रहा था, पानी,
इश्क का तूफान, साथ लाया था, पानी,
दिल को कितना सुकून् देता था, पानी,
तपन को, शीतल कर रहा था, पानी,
मन को अब भाने लगा था, पानी,
बस यूं ही बरसता रहे, पानी.....