बरस रही है बूंद बूंद
बरस रही है बूंद बूंद
बादलों में छुपी हुई यादें
बरस रही है बूंद बूंद।
मन को भिगोकर ले गई,
बारिश की उस पहली याद में।
जहाँ मिले थे तुम,
मुझे मुस्कुराते हुए।
जहाँ हुआ था मुझमें,
बचपन का एहसास।
जहाँ खो गए थे दर्द,
खुशी की फुहारों के बीच।
जहाँ हुआ था मुझे,
तेरे साथ का एहसास।
जहाँ रुक गया था वक्त,
जिंदगी के मुहाने पर।
जहाँ बिखर गई थी जिंदगी,
इंद्रधनुष के रंगों में।
मन को भिगोकर ले गई,
बारिश की उस पहली याद में।
बादलों में छुपी हुई यादें
बरस रही है बूंद बूंद।