STORYMIRROR

Akanksha Gupta

Romance

3  

Akanksha Gupta

Romance

बरस रही है बूंद बूंद

बरस रही है बूंद बूंद

1 min
465


बादलों में छुपी हुई यादें

बरस रही है बूंद बूंद।

मन को भिगोकर ले गई,

बारिश की उस पहली याद में।


जहाँ मिले थे तुम,

मुझे मुस्कुराते हुए।

जहाँ हुआ था मुझमें,

बचपन का एहसास।


जहाँ खो गए थे दर्द,

खुशी की फुहारों के बीच।

जहाँ हुआ था मुझे,

तेरे साथ का एहसास।


जहाँ रुक गया था वक्त,

जिंदगी के मुहाने पर।

जहाँ बिखर गई थी जिंदगी,

इंद्रधनुष के रंगों में।


मन को भिगोकर ले गई,

बारिश की उस पहली याद में।

बादलों में छुपी हुई यादें

बरस रही है बूंद बूंद।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance