इश्क़ पर इक तरफ़ा
इश्क़ पर इक तरफ़ा
हांँ मै जानती हूँ की इश्क़ खूबसूरत होता है,
पर अगर इक तरफ़ा हो तो दर्द भी होता है।
इश्क़ में एक पागलपन होता है जो
जीवों का सबसे प्यारा मिलान होता है,
इक तरफ़ा हो तो फितूर होता है
जिसके दिल में लहू ज़ख्मों से टकराकर बहता है।
इश्क़ में साथ में लक्ष्य बनते हैं
लक्ष्य साथ मे बिताए हर लम्हों में
प्यार को संजोए रखने का होता है,
पर एक तरफ़ा हो तो सिर्फ सपनों की
बुनाई होती है जिनका अंत टूटना ही होता है।
इश्क़ मे साथ होता है जो नम आँखों की
नमी सोखना अपना कर्म समझता है।
पर इक तरफ़ा हो तो खुदा आपके साथ होते हैं
जो आपको गिर कर उठने का मौका देते हैं।