रज़ा तुम्हारी काफी है
रज़ा तुम्हारी काफी है
1 min
286
रज़ा ना पूछिये मेरी ,
रज़ा तुम्हारी काफी है ,
इस दहकती आग में ,
एक झलक काफी है |
ये ज़िस्म मचल के ,
बहुत शोर करता है ,
रज़ा हो जो तुम्हारी ,
तो ये तड़प काफी है |
तुम आने से पहले ,
मेरा नाम ना लेना ,
बस चुपचाप चले आना ,
एक इशारा काफी है |
रज़ा पूछने में कहीं ....
ये वक़्त गुजर ना जाए ,
मेरे जवाब का क्या ?
तुम्हारे सवाल काफी है |
मेरा ज़िस्म रो पड़ेगा ,
गर रज़ा पलट देगी ,
तुम्हारी कसम बदन की ,
नई तपन काफी है |
तुम्हारे छूने से ही ,
मेरी रज़ा करार पावे ,
तुम आगे बढ़ते जाना ,
नहीं उतना काफी है |
एक ठंडक ज़िस्म को ,
तेरी रज़ा से होगी ,
रज़ा ना पूछिये मेरी ,
रज़ा तुम्हारी काफी है ||