पर भ्रम में ही सही, मेरी ज़मीन ने, आसमान छूने की तमन्ना पूरी की। पर भ्रम में ही सही, मेरी ज़मीन ने, आसमान छूने की तमन्ना पूरी की।
एक से दो... दो से चार छूने से बढ़ते है। एक से दो... दो से चार छूने से बढ़ते है।
चांद छूने की ख्वाहिश नहीं है मेरी, है तारों को पाने की ख्वाहिश मेरी। चांद छूने की ख्वाहिश नहीं है मेरी, है तारों को पाने की ख्वाहिश मेरी।
अब कितने तूफान रहे हमारे चाह में, वादा है, कभी यूँ जुदा न होंगे जरूर। अब कितने तूफान रहे हमारे चाह में, वादा है, कभी यूँ जुदा न होंगे जरूर।