बदन तेरा सतरंगी
बदन तेरा सतरंगी
बदन तेरा सतरंगी, करे बातें अतरंगी, तू कमाल - तू कमाल - तू कमाल है, बेमिसाल - बेमिसाल - बेमिसाल है।
बहानों की अब कोई जगह ही नहीं, तेरे गोरे बदन की हवा है यहीं, बदन तेरा सतरंगी, करे बातें अतरंगी।
जिस दिन से नज़र मेरी इस पे पड़ी, लगी सच कहूँ प्रेम की एक झड़ी, बदन तेरा सतरंगी, करे बातें अतरंगी।
रातों में तेरे बदन की अगन जब लगे, चले तब हवा और जोरों से चले, बदन तेरा सतरंगी, करे बातें अतरंगी।
इस बदन का मैं जब से दीवाना हुआ, तेरा नखरा और भी सयाना हुआ, बदन तेरा सतरंगी, करे बातें अतरंगी।
जब मिलेंगे बदन हम दोनों के कभी, तब निकलेगी जोरों से गर्मी सभी, बदन तेरा सतरंगी, करे बातें अतरंगी।
बदन तेरा सतरंगी, करे बातें अतरंगी, तू कमाल - तू कमाल - तू कमाल है, बेमिसाल - बेमिसाल - बेमिसाल है।।

