हथेली पर चांँद
हथेली पर चांँद
दिल के ज़ख़्म दिखाएं किसको
कोई अपना हो तो बुलाएं उसको
वह मेरी उम्मीद पर खरे उतरेंगे
तो हम क्यों भला रुलाएं उनको
सब कुछ आईने की तरह साफ है
दिल के यह दाग़ दिखाएं किसको
इबादत तो हम भी करते हैं बहुत
आपकी तरह ख़ुदा बनाएं किसको
दिल के वह राज़ सब जानता है
मग़र हम कैसे अपना बनाएं उसको
कोई नहीं है जो हमारा सहारा बने
ये कैसी आग है जो जलाए मुझको
दर्द बन जाऊंगा देखना एक दिन
पैरों में पड़े छाले दिखाएं किसको
अब तो मौत आ जाएं तो ही बेहतर है
ज़िन्दगी है कि सताएं मुझको
हम तो सदा दिली पर तुम्हारी मरे थे
ग़ुरूर तेरा अब रुलाएं मुझको
तुम ही तुम जब ना रह पाएं
दुनिया है फ़िर भी सताएं मुझको
तुम्हारे वादे पर हमें ऐतबार नहीं
हथेली पर चाँद दिखाएं मुझको।