एक कप चाय और तुम
एक कप चाय और तुम
जब एक कप चाय
के साथ
बालकनी में बैठती हूँ
सामने पेड़ो पर
चिड़िया चहकती
दिखाई देती है
सावन माह में
रिमझिम बरसात की बूँदें
सुंदर संगीत का
आभास कराती है
और तुम्हारी याद
अनायास ही
मन मस्तिष्क में
चली आती है
तुम नहीं होकर भी
पास होते हो
एक कप चाय के साथ
और अपनी प्यारी सी
आवाज के साथ
जब कहते हो
सपना, कहीं तुम
सचमुच सपना तो नहीं
चाय का स्वाद
बढ़ जाता है
और मुस्कान होंठों पर
बरबस चली आती है •••!