'प्रियवर'- मेरा संसार
'प्रियवर'- मेरा संसार
मेरा तो पूर्णतः,
आधार है तुमसे,
प्रियवर,मेरा तो,
ये सारा अब संसार है तुमसे।
मेरी बिंदिया मेरी बिछिया,
मेरी ये मांग और श्रृंगार,
मेरे तो गले के अब,
वो सारे हार है तुमसे।
मेरी हर बात वो जज़्बात,
वो हाथो में तेरा हाथ,
मेरी रातों की हर एक,
वो सौगात है तुमसे।
मेरी जान मेरा नाम,
मेरा मान और सम्मान,
मेरी वो जीत और,
वो अब सारी हार है तुमसे।
मेरा तो पूर्णतः,
आधार है तुमसे,
प्रियवर, मेरा तो ये,
सारा अब संसार है तुमसे।

