गौ माता
गौ माता
गाय को हमारे देश मे गौ माता कहते
गाय को सभी ओर श्रद्धा से पूजते है,
गोपाष्टमी के दिन घर घर पूजी जाती
बड़े हर्ष उल्लास के साथ बनाया जाता
कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी
को गोपाष्टमी का पर्व मनाया है जाता,
द्वापर युग से चला आ रहा है ये पर्व
इस दिन गौ माता की पूजा की जाती
कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा से लेकर सप्तमी तक
कृष्ण ने अपनी उंगली पर गोवर्धन पर्वत उठाया
आठवें दिन इंद्र अपना अहंकार और गुस्सा
त्यागकर श्रीकृष्ण के पास क्षमा मांगने आए थे,
तभी से कार्तिक शुक्ल अष्टमी को
गोपाष्टमी
का उत्सव धूमधाम से मनाया जाता है,
गाय को हमारी संस्कृति में पवित्र माना जाता
गाय में देवी-देवता का निवास होता है,
श्रीमद्भागवत में लिखा है जब देवता और असुरों ने
समुद्र मंथन किया तो उसमें कामधेनु निकली,
पवित्र कामधेनु को ऋषियों ने अपने पास रखा था,
कामधेनु से ही अन्य गायों की उत्पत्ति हुई,
श्रीमद्भागवत में इस बात का भी वर्णन है कि
भगवान श्रीकृष्ण भी गायों की सेवा करते थे,
गोपाष्टमी की पूर्व संध्या पर गाय की पूजा जो करे
उसको सुख समृद्धि और सौभाग्य प्राप्त होता है।