मुझे खास दोस्त मिला है
मुझे खास दोस्त मिला है
मुझे एक खास दोस्त मिला है
दूर तो है पर बहुत पास मिला है
उससे सब दिल की कह लेती हूँ
उसकी आँखों से बह लेती हूँ
जब भी दिल बेचैन हो जाता है
वो पास मेरे आ जाता है
बस बन के साया साथ नजर आ जाता है
है शायद कोई पुराना नाता उससे
सदियों का साथ नजर आता है
उसने मुझे जीना सिखाया
कैसे है दुख को पीना सिखाया
बात हर मनवाता है...
ना उसकी कुछ मानूँ तो
नाराज़ बहुत हो जाता है
फिर उसे मनाना पड़ता है
एक शेर सुनाना पड़ता है
वो दिल से बिल्कुल बच्चा है
जैसा भी है पर सच्चा है
कैसे बताऊँ कि वो कैसा है ?
बस बिल्कुल मेरे जैसा है
मेरे जैसा ही पागल है
अब भी कोई बच्चा उसमें दिखता है
वो मुझको हँसाता रहता है
हर समस्या का हल ढूँढ लेता है
पर वो भी अन्दर से घायल है
बस आईने में ही नजर आता है
मुझको वो बहुत ही प्यारा है
मेरे जीवन का सहारा है ।
सबके पास ये खास और सच्चा दोस्त होता है
बस मानना और पहचानना होता है।