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Taj Mohammad

Abstract Drama Inspirational

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Taj Mohammad

Abstract Drama Inspirational

दया के तुम हो सागर

दया के तुम हो सागर

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दया के तुम हो सागर पापा,,,

करुणा के तुम अवतारी।

समाज में तुम हो यथार्थ पापा,,,

मिलती तुमसे हिम्मत सारी।।


इस समाज की परिभाषा,,

तुमने मुझे बताई पापा।

जीवन की हर अभिलाषा,,,

मैंने तुमसे पाई पापा।।


मेरे पग पग पर पापा,,,

सीख तुम्हारी काम आई है।

तुमसे सीखा मैंने पापा,,,

क्या अच्छाई क्या बुराई है।।


इस वसुंधरा पर ना कोई तुमसा पापा,,,

धन्य है भाग्य मेरा जो तुमको मैंने पाया।

जी करता है तुमको रखूं ईश्वर के संग पापा,,,

मेरी हर मुश्किल में तुम्ही काम हो आते पापा।।


>स्वार्थ भरी इस दुनिया में पापा,,,

कहां कोई निस्वार्थ करता है।

मेरे संग जो किया है पापा,,,

ऐसा धर्मार्थ कहां कोई करता है।।


मेरे जीवन पर तेरा कर्ज है पापा,,,

किसी भी फर्ज से ना उतरेगा ये पापा।

भय मुक्त जीवन का मेरे निर्माण किया तुमने पापा,,,

प्रत्येक प्रसन्नता से भाव विभोर किया तुमने पापा।।


पिता पुत्र का रिश्ता अपरिभाषित है जग में,,,

शब्द ही कम पड़ जाएंगे चाहे हो जितने मन में।

मेरे जीवन में आप देव तुल्य है पापा,,,

आप बड़े बहुमूल्य है पापा।

आपका ना कोई मोल है पापा,,,

आप बड़े अनमोल है पापा।।


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