अंधविश्वास
अंधविश्वास
अंधविश्वास में पड़कर
दुनिया,
खुद के घर को जलाती
है।
अपने ही बच्चों को मार
कर वह उस पर रोटियां
सेंकती है।
एक बच्चे को पाने के
लिए।
दूसरे की जान गवाती
है।
यह तंत्र मंत्र के चक्कर
में
खुद के घर में आग
लगाती है।
घर घर जाकर हाथ देख
कर।
सारे गहने औरतों के लूट
लाती है।
यह अंधविश्वास ही तो है,
जो सबको मार गिराती है।
भाई भाई को आपस में
लड़वा कर घर को अलग
करती है।
जो अंधविश्वास के चक्कर
में पड़ा,
उसकी नियत खराब हो
जाती है।
इसीलिए ऐसे अंधविश्वास
से बच्चों मेरे भाई।
ईश्वर पर करो भरोसा।
तो, तुम्हारे सारे काम,
अच्छे से बन जाते हैं।