तमन्ना मेरे दिल की
तमन्ना मेरे दिल की
हम और तुम एक दूजे से मिले,
प्रेम की सरिता बहने लगी,
आपसे बिछड़ के मालूम पड़ा की,
विरह की आग दिल में बढ़ने लगी।
रो रहे थे बिछड़ ने के समय पर,
आंसुओं की धारा बरसने लगी,
आप के प्यार में डूब गये थे हम,
जुदाई की पल मुश्किल होने लगी।
तन्हा रहा हूँ मैं आप को मिलने लिये,
मिलने की तमन्ना मेरी कब पूरी होगी?
जुदाई को अब मैं सह नहीं पाऊंगा ,
फ़िर से मुझे मुलाकात करनी होगी।
खुदा ने चाहा तो जरूर मिलेंगे हम,
रिश्तों की डोर मजबूत करनी होगी,
"मुरली" इन्तजार हर पल करूंगा मैं,
आपसे मुलाकात बहुत जल्द होगी।