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Swati Vats

Abstract

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Swati Vats

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खिड़कियाँ

खिड़कियाँ

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तन्हाईयों की मेरी है वो गवाह ,

 खालीपन की मेरी है वो दवा ,

मेरे आशियानें को करती है बयां,

सुनसान सी दीवारो में वो खिड़कियाँ |


दिखाती वो हर शाम को ढ़लता हुआ

और दिखाती भी ,हर सुबह को जलता हुआ |

सिखाती सीख है, गर हम सीख पाएं, 

दिखाती लोगो को अपने रास्तो पे चलता हुआ |

   


        



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