प्रेम
प्रेम
गीत....
चाँद तारे साथ हो तो चमचमाती चाँदनी ,
दीप बाती से मिले तो जगमगाती रोशनी,
ज्यों कुंवारी सी नदी को सागरों से दिल्लगी,
आशिकी के बिना ही ये अधूरी जिंदगी,
राग ये अनुराग का ही आज अंग -अंग में,
गीत मीठे गुनगुनाएँ, पंछियों के संग में,
बादलों को बस खुशी है खेत के गुलजार से,
गर्मिया इठला रही है तपतपाते थार से,
शीत में मनमीत मिलते, प्रीत की रस धार से,
स्वर्ग सा अहसास ऐसा, है अलौकिक प्यार से,
भा गया हुड़दंग जैसे भंग की तरंग में,
गीत मीठे गुनगुनाएं पंछियों के संग में
प्रेम सच्चा बाग के ये भाग में जो खिला,
साँस में आकाश भर हो घुल गयी हो कोकिला,
यों हिलोरे ले रहे है ख्वाब देखो गंग में,
गीत मीठे गुनगुनाएं पंछियों के संग में।
