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Dhvani Ameta

Action

4  

Dhvani Ameta

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आत्मरक्षा

आत्मरक्षा

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छोड़ो बेलन पराठे, 

और सीखो जूडो कराटे। 

न रहा वो समय कि कृष्णा द्रोपदी का चीरहरण बचाएंगे। 

और देखकर भी कोई कुकृत्य, फंसें कौन झंझट में? ये कह के लोग चले जाएंगे। 

अगले जन्म तक इंतजार करना पड़ेगा तुम्हें,

क्योंकि इस युग में तो न्याय के देवता शनिदेव भी न्याय न कर पाएंगे , 

और कुछ जुर्माना, कुछ सजा काटकर अपराधी फिर स्वछंद दिख जाएंगे। 

आत्मरक्षा के गुर सीखें, यही तुम्हारी ढाल हैं, क्योंकि हो रहा मातृभूमि का रोज बुरा हाल हैं।

याद करो लक्ष्मीबाई को, जिन्होंने शत्रुओं का नाश किया।

छू ले कोई असुर, इस देह को, 

ये सोच पद्मिनी ने अपने शरीर को राख किया। 

हाडा रानी, कृष्णा कुमारी ने भी अपने जीवन का बलिदान दिया। 

उन्हीं वीरांगनाओं का रक्त, तुममें प्रभु ने भर दिया।

तुम्हें बलिदान देना नहीं, बल्कि उनका प्रतिकार लेना हैं। 

फिर से दुर्गा बन के दुष्टों का संहार करना हैं।



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