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Dhvani Ameta

Others

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Dhvani Ameta

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श्री राम

श्री राम

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तीव्र वृंद, दीप्ति गेह,

रूप ,तुंग, रम्य देह

छिद्र छिद्र महावीर 

आशीष मांगती हूं मैं

अपनी ही लगन, बल 

आपसे आसक्ति दो,

उन्नति, अभंग, इंकलाब 

मांगती हूं मैं

मार, कोह , मान आदि

जो भी है विषाक्त तत्व

चिंता, कुड , रोग से परित्राण

मांगती हूं मैं,

अहिंसा के निधान,

सत्य महावीर महान,

महावीर दया का वरदान 

मांगती हूं मैं।


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