बेटियां
बेटियां
आती है समृद्धि जहां पर इनका वास है, लक्ष्मी सरस्वती यहां करती निवास है।
हजारों पुण्य कर्म का फल होती बेटियाँ, नसीब वालों के घर जन्म लेती शक्तियाँ,
पहले तो इन्हें जीने का अधिकार दिलाओ, माता पिता होने का अपना फर्ज निभाओ,
मुस्कान है सभी का ये हमारी बेटियाँ, वरदान है प्रभु का ये हमारी बेटियाँ।
इनको अपने सर का कभी बोझ न मानो, कर्तव्य क्या तुम्हारा इस बात को जानो।
बेटों की तरह इनका हौसला बढ़ाईए, सर उठा के जी सके इतना पढ़ाईये।
कलियाँ हैं चमन की इनको महकने तो दो, बुलबुल की भाँति इनको चहकने तो दो,
एक दिन छूएंगी आसमां को अपने कर्म से, हो जाएगा सर ऊँचा हमारा उनके गर्व से।
हर काल में दरिंदों ने सताया है इन्हें, बना कर खिलौना सदा रुलाया है इन्हें,
दहेज के लिए कभी जिंदा जला दिया, देकर हजारों यातना विष भी पिला दिया।
पल पल सितम तुम्हारे सहती रही ये है, पीकर आंसू गम के सिसकती रही है ये।
मासूम सी कलियों पर यूँ ना जुल्म ढहाइये, इंसान है इंसानियत जरा बताइये।
मुस्कान ये धरा पर हम सबकी बेटियाँ, वरदान है प्रभु का ये हमारी बेटियाँ।