वंदवन्दना -------- माँ भारती की वन्दना में, नित नया ह
वंदवन्दना -------- माँ भारती की वन्दना में, नित नया ह
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माँ भारती की वन्दना में, नित नया ही भाव हो।
दरिया मिले सागर मिले तो, लेखनी ही नाव हो।।
माँ भारती की वन्दना में..........
दरिया मिले सागर मिले तो.......
एक तेरे आशीष से माँ, मंच सब शोभित हुए।
बिखरे हुए थे गीत मेरे, आज सुसज्जित हुए।।
कृपा करो मातेश्वरी अब, जागता हर गाँव हो।।
माँ भारती की वन्दना में..........
दरिया मिले सागर मिले तो.......
लेकर कलम जब भी लिखूँ मैं, सांच का ही बोध हो।
जब पढ़े कोई गीत मेरे, रोज उसपर शोध हो।।
जब भी कभी यह सर झुके कभी माँ, जगह तेरा पाँव हो।।
माँ भारती की वन्दना में..........
दरिया मिले सागर मिले तो.......