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किसकी पीड़ा गांव में भी, किसके गीत सुनाऊं रे। किसकी पीड़ा गांव में भी, किसके गीत सुनाऊं रे।
त्याग किया था जीवन भर, निभाया धर्म, न सुख चैन पाया। त्याग किया था जीवन भर, निभाया धर्म, न सुख चैन पाया।
आत्मरक्षा के गुर सीखें, यही तुम्हारी ढाल हैं, क्योंकि हो रहा मातृभूमि का रोज बुरा हाल आत्मरक्षा के गुर सीखें, यही तुम्हारी ढाल हैं, क्योंकि हो रहा मातृभूमि का रोज बुर...
तीव्र वृंद, दीप्ति गेह, रूप ,तुंग, रम्य देह छिद्र छिद्र महावीर आशीष मांगती हूं मैं। तीव्र वृंद, दीप्ति गेह, रूप ,तुंग, रम्य देह छिद्र छिद्र महावीर आशीष मा...
हरे हर बाधा, फले फूले ज्यादा, ऐसी दीवाली हो। हरे हर बाधा, फले फूले ज्यादा, ऐसी दीवाली हो।
इनको अपने सर का कभी बोझ न मानो, कर्तव्य क्या तुम्हारा इस बात को जानो। इनको अपने सर का कभी बोझ न मानो, कर्तव्य क्या तुम्हारा इस बात को जानो।
शारदे संकल्प मेरा, तेरे कदमों में डेरा, कविता का हो बसेरा, शारदे संकल्प मेरा, तेरे कदमों में डेरा, कविता का हो बसेरा,
जिस घर में भी संस्कारों की परिभाषाएँ जिंदा हैं, जिस घर में भी संस्कारों की परिभाषाएँ जिंदा हैं,
एक तेरे आशीष से माँ, मंच सब शोभित हुए। बिखरे हुए थे गीत मेरे, आज सुसज्जित हुए।। एक तेरे आशीष से माँ, मंच सब शोभित हुए। बिखरे हुए थे गीत मेरे, आज सुसज्जित हुए...
एक दिन छूएंगी आसमां को अपने कर्म से, हो जाएगा सर ऊँचा हमारा उनके गर्व से। एक दिन छूएंगी आसमां को अपने कर्म से, हो जाएगा सर ऊँचा हमारा उनके गर्व से।