दिल के हर ज़ख्म दिखा दे मुझे!
दिल के हर ज़ख्म दिखा दे मुझे!
इतना हसा की रुला दे मुझे,
दिल के हर ज़ख्म दिखा दे मुझे,
मै रेत पर लिखा हुआ ख़त सा हूँ,
बन लहर आके मिटा दे मुझे,
इतना हसा की रुला दे मुझे,
दिल के हर ज़ख्म दिखा दे मुझे !
मुझे अपना पता मालूम नहीं,
सारे शहर का पता जानता हूँ,
मै कौन हूँ,कहा हूँ,क्यूँ हूँ,
पहचान मेरी करा दे मुझे,
इतना हँसा की रुला दे मुझे,
दिल के हर ज़ख्म दिखा दे मुझे !
आज बड़ा ख़ुश हूँ,कोई बात तो नहीं,
सब पूछ रहें हैं,इसका कोई राज तो नहीं,
यूँ अचानक से अपना बना जा मुझे,
बस ऐसी इच्छा थी,ये बात कहना था तुझे,
इतना हँसा की रुला दे मुझे,
दिल के हर ज़ख्म दिखा दे मुझे !