ऑनलाइन - वनलाइन ❤️ लव❤️
ऑनलाइन - वनलाइन ❤️ लव❤️
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ऑनलाइन तुम्हारे आने का
मुझको इंतेज़ार रहता है हरदम।
तुम भी समझो न यार मेरे
एक बार तो ऑनलाइन हो कम से कम !
ऑनलाइन तुम्हारे आते ही जैसे
तुमसे सारी दूरियां मिट जाती हैं।
प्रोफाइल फोटो में जलती हुई
ग्रीन बत्ती पे नज़रें टिक जाती हैं।
ग्रीन बत्ती जैसे ही बुझ जाती है
धड़कन एक बार फिर से रुक जाती हैं।
इंतेज़ार घंटों का रहता है हमारा और
तुम ऑफलाइन हो जाते हो जैसे ही
हमारी पलकें झुक जाती हैं।
दिन में सैकड़ों दफ़ा हम लॉगिन होते हैं और,
खुश हो जाते है कभी उन्हें ऑनलाइन पाकर।
चूंकि हमें इजाज़त है सिर्फ देखने की ही तुम्हें,
संभालना पड़ता है हर बार अंगूठे को
तुम्हारे प्रोफ़ाइल में जाकर।
सजग रहते हैं हम इस कदर से की,
गलती से भी बटन कॉलिंग वाली ना दब जाए।
ऑनलाइन आते ही तुम्हारे ऐसा लगता है जैसे,
सालों की तपस्या के बाद खुद रब आये।
ऑनलाइन तुम्हे देखते ही हम
मन ही मन हम मयूर के जैसे झूम लेते हैं।
मोबाइल को लगाकर सीने से अपने
तस्वीर को तुम्हारे होठों से चूम लेते हैं।
कई दिनों से या कहे कई सालो से
मेरे जीवन का ये एक अहम हिस्सा है।
ऑनलाइन वनलाइन वाले इस मुहब्बत में
शायद हर किसी का यहां यही किस्सा है !