STORYMIRROR

Rishabh Sharma

Others

3  

Rishabh Sharma

Others

बेखौफ सोच

बेखौफ सोच

1 min
510

"सो गया है जग सारा !!

क्या केवल जाग रहा हूॅं मैं ??

बेहोश हो गयी है सारी दुनिया !!!

क्या बस होश में हूॅं मैं "


"गिर रहे है लोग नज़र से !!!!1

क्या केवल संभल रहा हूॅं मैं

सब बेवकूफी भरी मोहब्बत में उखड रहे है !!!!

पर शिद्दत भरे प्यार से टिका हूॅं मैं


वो सब बिगड़ रहे है

क्या केवल सुधर रहा हूॅं मैं

वो जुड़ रहे है पैसे से

बस दरकिनार हूॅं मैं


वो अच्छाई भुला रहे है

पर खुद मैं अच्छाई पिरो रहा हूॅं मैं

वो सोच रहे है बस खुद के सुख के

पर मैं सोच रहा हूँ दूसरो के दुख की


सब लोग मेरी सादगी और ईमानदारी पर हॅंसते है

पर कोई मेरी सादगी की सुंदरता को ना समझता है

की बेकार है ऐसी ज़िन्दगी!!!

जो दूसरों के काम न आये

नागवार है ऐसी ज़िन्दगी!!!


Rate this content
Log in