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Rishabh Sharma

Abstract

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Rishabh Sharma

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MAA-BAAP KA PYAAR

MAA-BAAP KA PYAAR

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आसमान के सितारे भी कम पड़ गए

माँ-बाप के सहारे के आगे,

खुद ईश्वर का सहारा भी फीका है

माँ-बाप के सहारे के आगे।


तरीके अलग अलग हैं सबके

अपनों को मनाने के,

पर रूठने का ढंग तो वही

नज़रिये जुड़ा है सबके,

पर सबकी निगाहें तो वही।


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