नम्रता चंद्रवंशी

Fantasy

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नम्रता चंद्रवंशी

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मासूम दिल

मासूम दिल

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दिल तो मेरा मेरे पास, बस नाम का है,

ये तो मेरे लिए ,बिना काम का है,

हर पल ख्यालों में रहता है, किसी और के,

पूछो इस से तो, बस एक ही जवाब,

बस तूने ही तो बनाया है, मुझे इस कदर नाकाम,

क्यूँ दे रखा है मुझे बेवजह ,उसके पास,

जिसे मैं, बिल्कुल नहीं भाता हूं,

परायेपन का अहसास दिलाता है, वो मुझे,

और मैं बस भागे, तुम्हारे पास आता हूं।


पर आ नहीं पता, बस कोशिश ही रह जाती है,

तुम हर बार की तरह, मुझसे मुंह फेर लेते हो,

जैसे कि मेरी, कोई जरूरत ही नहीं,

हर बार मुझे, और दूर कर देते हो।

रख लो मुझे, कैद करके अपने सीने में,

बस तेरे लिए ही, धड़कना चाहता हूं,

बस तेरे ही लिए जीना, और तेरे लिए ही

करना चाहता हूं।

तुझसे दूर होकर अब, मैं रह नहीं पाऊंगा,

तेरी ये तड़प अब, मैं सह नहीं पाऊंगा,

रख ले मुझे अपने आगोश में,

बस तेरे लिए ही धड़कना चाहता हूं,

तेरे लिए ही जीना, तेरे लिए ही मरना चाहता हूं।

              


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