एहसास दिलों के।
एहसास दिलों के।


कोई महसूस नहीं करता, कि दिल अपना भी है रोता,
हम रातों को जगे रहते, है कोई चैन से सोता,
समझता ही नहीं ये दिल, की दुनिया और है आगे,
की मंजिल वो नहीं तेरी, पिछे जिसके तू यूं भागे।
अपने दिल के ही हाथों में, हम मजबूर हैं ऐसे,
खुद ही खुद की अहसासो, से अब हम दूर हैं ऐसे।
दिल अपना दूर है इतना, इसे लाना नहीं मुमकिन,
सहारा धड़कनों का है, कहीं ये भी ना जाएं छीन।
एक उनकी ही खुशी में हमनें, खुद को ही भुला डाला,
किसी खुदगर्ज के खातिर, सब अपनों को रूला डाला।
कभी भी ख्वाब में सोचा ना था, जीना तुम्हारे बिन,
मैं जिंदा हूं ये अचरज है, की कैसे कट रहें हैं दिन।
निहारें आज भी तेरी, ही राहें ये मेरी आंखें,
तुझे महसूस क रतीं हैं, ये सुनी सी मेरी बाहें।
तू आएगा कभी मिलने, मुझे ये आस है ऐसे,
है मिलों की भले दूरी, मगर तू पास है जैसे।