Poet & Writer
घूमने के लिए तो गाँव की गलियाँ ही बहुत हैं सो हम निकल पड़े पैदल घूमने के लिए तो गाँव की गलियाँ ही बहुत हैं सो हम निकल पड़े पैदल
सीटी वाले कीड़े साँझ के अकेलेपन में पथिकों को ज्ञापन देते हैं कि यहाँ सन्नाटा नहीं होगा। सीटी वाले कीड़े साँझ के अकेलेपन में पथिकों को ज्ञापन देते हैं कि यहाँ सन्नाटा नह...
अगर समाज रूष्ट हो गया तो कल को हमारी अर्थी कौन उठाएगा ?" अगर समाज रूष्ट हो गया तो कल को हमारी अर्थी कौन उठाएगा ?"