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yogita singh

Classics Fantasy Inspirational

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yogita singh

Classics Fantasy Inspirational

वो घर के नायक

वो घर के नायक

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घर के आंगन का वो कोना जहां

दादा जी बैठे अखबार पड़ते थे


और वहीं बगल में बैठी बूढ़ी दादी

स्वेटर बुनते हुए बैठी रहती थी


दादा जी की कहानियों में हम

अपने सपनों के संसार बुना करते थे


कभी प्यार कभी दुलार

कभी कभी दादी कि डांट


वो रामायण की कहानियां गीता का सार

देते थे वो हर सपने को आकार


वो नहीं है आज साथ तो क्या हुआ 

उनके संस्कार दिए गए आदर्श ज्ञान 


उन्हें हम आगे बढ़ाएंगे

पीढ़ी दर पीढ़ी उन्हें अपनाएंगे।


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