मुक्ति
मुक्ति
वे अकेले राजनीति में खुला खेल
फरुखाबादी खेलना चाहते है
नहीं चाहते कोई विपक्षी दल
अभी कांग्रेस मुक्त
फिर मुलायम, मायावती और ममता मुक्त
कम्युनिस्ट मुक्त आखिर में शिव सेना मुक्त
जब पूरा उत्तर भारत कब्जे में होगा /तब
होगी नजर दक्षिण पर
तब तक तो पापों की गठरी
चौराहे पर फूट जाएगी
हिंदुत्व की वैचारिकी
भारत की विविधताओं को समेट नहीं पाएगी
विश्व गुरु तो क्या
नहीं बन पाओगे
इस देश के गुरु
तुम्हारे प्रिय साधु साध्वियों और भक्त जनों के
स्वर, शब्द और कर्म
तुम्हारे आशंगिक संगठनों के हिंसात्मक
कारनामे
और उन्हें बचाने के आपके पूरे प्रयास
तुम क्यों आत्म हत्या पर उतारू हो
तुम इस देश को कब समझोगे ?
अरे मुक्त होना है तो अपने दुराग्रहों से होओ
शक्ति की नहीं सेवा की उपासना करो।