मत्स्य कन्या (prompt 16)
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मत्स्य कन्या ऊपरी देह नारी की होती नीचे देह मछली आधी ।
हवाओं से कर अठखेलियाँ सागर की होती है शहजादी ।
इनको कहानियों में जलपरी के नाम से जाना जाता ।
पौराणिक कहानियों में भी है इनका बहु जिक्र आता ।
रावणपुत्री स्वर्णमछा भी थी एक सुन्दरी मत्स्य कन्या ।
स्वर्णाभाधारिणी दूसरी न थी इस विराट भूमण्डल में अन्या ।
महाबली हनुमान रामसेतु का कर रहे थे जब निर्माण।
स्वर्णमछा कतार से हटा पत्थर, कर रही थी उन्हें परेशान ।
राजा शान्तनु मत्स्यगंधा को बना रानी अपनी लाये थे ।
महाभारत रचयिता विद्वान वेदव्यास को पुत्र रूप पाये थे ।
सत्यवती मत्स्यकन्या मत्स्यगंधा के नाम से थी विख्यात ।
अभी भी बहुत सी जलीय मत्स्यांगनायें काल्पनिक अज्ञात ।
अर्जुनपत्नी
उलूपी महाभारत में जलपरी कही गयी शोभित।
अंग्रेजी में इसे मरमेड कहते मर का अर्थ सागर मेड निर्मित,।
जलपरी खूबसूरती और सौभाग्य दुर्भाग्य दोनों का प्रतीक ।
हांसिल क्रिश्चन की "द लिटिल मर्मेड"में कहानी है सटीक ।
समुद्री लुटेरों की कहानियां इन्हें, मैनेटी जलगाय हैं बताती ।
ये नाविकों को गायन से कर आकर्षित समुद्र में हैं डुबाती ।
जलपरियों की लोक दंत कथायें हैं गाई जाती पूरी सृष्टि में ।
जलपरी बहुत ही आकर्षक होती सुंदर देहयष्टि में ।
दशावतार में एक मत्स्यावतार विष्णुजी ने धारण किया था ।
जलपरी व जलमानव दोनों को ब्रह्मांड में वरण किया था ।
यदि आप जलपरी पर अधिक जानकारी चाहते हैं ।
डेनमार्क के कोपेनहेगन पर्यटन में मरमेड स्पाट देख पाते हैं ।