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मैंने हमेशा दूसरों के लिए जिया है। अब मैं अपने लिए जीना चाहती हूँ मैंने हमेशा दूसरों के लिए जिया है। अब मैं अपने लिए जीना चाहती हूँ
बाल दिवस के दिन बच्चे स्कूल में मास्टरजी का इंतजार कर रहे थे बाल दिवस के दिन बच्चे स्कूल में मास्टरजी का इंतजार कर रहे थे
सच्चाई छुपाई नहीं जा सकती और चाहे कितने भी झूठ गढ़े जाएं, अंत में सच्चाई ही सामने आती है। सच्चाई छुपाई नहीं जा सकती और चाहे कितने भी झूठ गढ़े जाएं, अंत में सच्चाई ही सामन...
श्यामलाल के जाने के बाद गाँव में कई बदलाव आए थे। श्यामलाल के जाने के बाद गाँव में कई बदलाव आए थे।
सीमा की बातें सुनकर शांति के भीतर कुछ टूटने लगा। सीमा की बातें सुनकर शांति के भीतर कुछ टूटने लगा।
घीसू ने अपने जीवन में कभी किसी जिम्मेदारी को गंभीरता से नहीं लिया। घीसू ने अपने जीवन में कभी किसी जिम्मेदारी को गंभीरता से नहीं लिया।
निर्मला का परिवार आर्थिक रूप से कमजोर था, निर्मला का परिवार आर्थिक रूप से कमजोर था,
इस तरह राहुल ने सीखा कि पानी की हर बूंद कितनी कीमती होती है। इस तरह राहुल ने सीखा कि पानी की हर बूंद कितनी कीमती होती है।
अगर पेड़ नहीं रहेंगे, तो हमें ताजी हवा कैसे मिलेगी? अगर पेड़ नहीं रहेंगे, तो हमें ताजी हवा कैसे मिलेगी?
गाँव के बड़े-बुजुर्ग कहते थे, "हवाएँ बीमार हो गई हैं। गाँव के बड़े-बुजुर्ग कहते थे, "हवाएँ बीमार हो गई हैं।