होने और काँपने के बीच हिलती हुई वह एक पत्ती थी। होने और काँपने के बीच हिलती हुई वह एक पत्ती थी।
सब कुछ रहा ठीक, एक दिन ओलंपिक में भी हम होंगे, सबसे श्रेष्ठ। सब कुछ रहा ठीक, एक दिन ओलंपिक में भी हम होंगे, सबसे श्रेष्ठ।
थककर बैठ गये क्या भाई ! मंज़िल दूर नहीं है। थककर बैठ गये क्या भाई ! मंज़िल दूर नहीं है।
लेकिन व्यवहार अभी भी संभाल सकता है। लेकिन व्यवहार अभी भी संभाल सकता है।
घुलमिल आए जब प्रेम, दोस्ती संग प्रेम रंग असली दोस्ती रंग असली। घुलमिल आए जब प्रेम, दोस्ती संग प्रेम रंग असली दोस्ती रंग असली।
जो अधिक होता है वो वही बटोरता है। जो अधिक होता है वो वही बटोरता है।