मेरी शादी में जरूर आना...!
मेरी शादी में जरूर आना...!
अब हमारा मिलना,
जानू, ख़त्म होगा...
हमारे दिल पे भी इश्क़ का,
ज़ख्म होगा,
भूल जाऊँगा मैं उसको इस दिसम्बर में,
नया साल तो उसके लिए,
जश्न होगा,
मेरी आँखों में नमी आ गई,
सब कुछ लूट सा गया हो,
ऐसा लगने लगा,
कल जब उसने कार्ड देकर कहाँ,
कि दो दिन बाद मेरी शादी है,
और तुम मेरी शादी में जरूर आना..!
जब ये खबर सुनी मैंने,
मानो मेरे पैरो-तले से जमीन,
खिसक गई हो...
आँखों के सामने धुंध सा छा गया हो..
अपनी जान को किसी और का होते देखूंगा कैसे,
हाथों में किसी और के नाम कि मेहंदी,
मांग में किसी और के नाम का सिंदूर,
जो कभी मेरा था,
वो अब किसी और हुस्न होगा...
ऐसा गहरा ज़ख्म हुआ तब जब,
कल उसने कार्ड देकर कहाँ,
कि दो दिन बाद मेरी शादी है,
और तुम मेरी शादी में जरूर आना..!

