याद आते ही आज बचपन जैसे खुशी के मारे हो गयी आँखें नम याद आते ही आज बचपन जैसे खुशी के मारे हो गयी आँखें नम
कुछ दर्प से भरी कुछ आज़माइश के लिए मैंने कहा, प्यार दे दो! कुछ दर्प से भरी कुछ आज़माइश के लिए मैंने कहा, प्यार दे दो!
अल्फ़ाज़ उनके हमारे भी वहाँ बिखरने लगा हैं। अल्फ़ाज़ उनके हमारे भी वहाँ बिखरने लगा हैं।
एक शहर ढूंढ लेंगे मेरे मौला मेरे साकी ऐसा सफ़र ढूंढ लेंगे दे दे मोहलत मेरे रब्बा एक शहर ढूंढ लेंगे मेरे मौला मेरे साकी ऐसा सफ़र ढूंढ लेंगे दे दे मोहलत म...
पर तुम कहते तो यही हो कि मैं तुम्हें ढूंढ रहा हूँ पर तुम कहते तो यही हो कि मैं तुम्हें ढूंढ रहा हूँ
दिल करता है तेरे दिल में मेरे लिए एक आशियाना बना लूं दिल करता है तेरे दिल में मेरे लिए एक आशियाना बना लूं