दिल
दिल
ये दिल सच में
मानता ही नहीं,
जितना भी
उसको समझाओ
वो समझता ही नहीं ...।
दिल करता है
तुझे अपनी सीने से लगा लूं,
कभी अपनो से दूर जाने ना दूँ ...।
दिल करता है,
तेरे सारे गम
मैं मेरे अंदर
समा लूं ,
दुनिया भर की खुशी
तेरे क़दमों में
ला दूं ....।
दिल करता है
तुझे अपने पास बुला लूँ,
तेरे माथे पे
खुशी की लकीर
जोरों से खींच दूं,
दुनिया के सारे गम से
तुझे दूर धकेल दूं ....।
दिल करता है
मैं तेरे आंखों में
खुद को
ढूंढ लूं .....।
दिल करता है
तेरे दिल में
मेरे लिए
एक आशियाना बना लूं ....।
दिल करता है
मैं तुझ में
समा जाऊं ....।
ये दिल सच में
मानता ही नहीं,
समझाने पर भी समझता नहीं ...
समझता नहीं ....।

