कमबख़्त दिल
कमबख़्त दिल
मेरा कमबख़्त दिल कहीं लगता नहीं बिन आपके।
मुझे थोड़ा सा सुकून भी मिलता नहीं बिन आपके।
जबसे आपसे मिला हूं, मुझे मेरी ख़बर रही नहीं है।
सब दोस्त पूछते हैं कि तबीयत ठीक है कि नहीं है।
जबसे आपसे मिला हूं, कुछ खोया खोया रहता हूं।
दिन में जागे हुए भी, कुछ सोया सोया सा रहता हूं।
सुबह सुबह जब आप अपनी बालकनी में आती हैं।
फिर मुस्कुराकर तिरछी निग़ाहों से मुझे निहारती हैं।
आप हवा से बिखरी हुई अपनी ये ज़ुल्फ़ें संवारती हैं।
बस लगता है जैसे सीने से सांसें निकल ही जाती हैं।
थोड़ी सी राहत और थोड़ा सा सुकून मिल जाए।
अगर आप एक बार अपनी नज़रें उठाकर देख लें।
थोड़ी ही सही, मगर मेरे दिल की हालत सुधर जाए।
अगर आप एक बार तो मेरा हाल ए दिल पूछ लें।
मेरी सबसे बड़ी खुशनसीबी रही है, आप से मिलना।
अच्छा लगता है आप से मिलना आप से बातें करना।
आपसे मिल के मैंने मन को सुंदर सलीके से तराशा है।
न बिछड़ेंगे आपसे इस जीवन में, बस यही आशा है।
आप आप ज़िंदगी में आ गए हैं तो छोड़ के मत जाना।
मुझे तन्हा करके, मेरा मासूम दिल तोड़ के मत जाना।
रिश्ता निभाना है, आओ वादा करें एक दूसरे के संग।
हम दिखाएंगे इस दुनिया को मोहब्बत के नए नए रंग।

