मेरा इश्क़ बस इतना सा है
मेरा इश्क़ बस इतना सा है
मेरा न हो कर भी वो मेरा सा है,
वो मुस्कुराए तो में मुस्कुरा दूं ,
मेरा इश्क़ बस इतना सा है ।
उसे पाने की चाहत नहीं, सब्र सा है,
वो मेरी तरफ देखे, में नजरें चुरा लूं ,
मेरा इश्क़ बस इतना सा है ।
वो मेरे लिए मेरे जीवन में सुकून सा है,
भले रहे वो बेखबर मैं फिर भी उस ही को चाहूं ,
मेरा इश्क़ बस इतना सा है ।
मेरी अमावसी रातों में वो पूनम के चांद सा है,
उसके साथ का ख्वाब नहीं बस ख्वाबों में उसे देखना चाहूं ,
मेरा इश्क़ बस इतना सा है ।
मेरी जिंदगी में ये रिश्ता कुछ इस तरह है
जो मेरी हर वक़्त को विशेष बना रहे है
और इन्हीं लम्हों की यादों में
मैं अपनी सारी जिंदगी बीता सकती हूं
मेरा इश्क़ बस इतना सा है ।
ये रिश्ते इतने नये और अनिश्चित होते है
की टूट जाएंगे ये जानते हुए भी हम
अपना पूरा दिल और जान दे देते है
हम बस ये सोचकर चलते जाते है
की अंत में मंजिल जरूर मिलेगा
मेरा इश्क़ बस इतना सा है ।
न आगे का कुछ पता न पीछे की कोई खबर
बस बेफिक्र हो के जिंदगी एक बार जी ही लेते है
शायद इन रिश्तों की खूबसूरती ही यही है
कि बहुत कम वक्त के लिए हमारे साथ होते है
और अक्सर हर वो चीज़
जो कम समय के लिए हमारी जिंदगी में आती है
वो सबसे ज्यादा कीमती बन जाती है
और मेरा इश्क़ बस इतना सा है ।