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Amit Singhal "Aseemit"

Drama Tragedy Thriller

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Amit Singhal "Aseemit"

Drama Tragedy Thriller

कुछ बसंत सा इश्क़ है

कुछ बसंत सा इश्क़ है

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कुछ बसंत सा इश्क़ है,

उससे दिल से हो गया था।


अपने सनम के लिए मैं,

मौत से लड़ गया था।


मेरे सनम की ज़िंदगी,

रब लेने आ गया था।


तब अपनी ज़िंदगी देने पर,

मैं बस अड़ गया था।


चाहे तो मुझ पर कितने भी,

ज़ुल्मों सितम कर लेना।


लेकिन मेरी दिलरुबा को,

मेरे ग़मों का हिसाब न देना।


कुछ बसंत सा इश्क़ है मेरा, 

इसी से उसके हाथ रंग देना।


चाहे तो मेरे दोनों हाथ,

ख़ून से सुर्ख़ लाल कर देना।


ख़ुद को इश्क़ मोहब्बत में,

मैंने बदकिस्मत पाया।


उसके होंठों पर इज़हार के,

अल्फ़ाज़ न ला पाया।


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