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Sakshi Yadav

Comedy Drama

4.7  

Sakshi Yadav

Comedy Drama

किस्मतों में नहीं शायद

किस्मतों में नहीं शायद

2 mins
267


लगी थी होड़ पूरी जानने को दिल में कौन बसता था

एक तरफ़ा ही वाले रह गए या फिर प्यार बसता था

जवानी ये सयानी मैं थी रुत वो अनजानी सी

जो दिल धड़का वो दिल मेरे कॉलेज के दिनों का था

जादू यूं भी बिखरा था कि हंसी मार देती थी

पड़े कंगाल इन आशिकों को थोड़ा काम देती थी

दिन ढलते, रातें कटती, ख्याल मेरे ही रहते थे

ख्यालों की नई दुनिया नया संसार देती थी

कहते थे, वो लिखते थे, वो चिट्ठी छोड़ जाते थे

मेरा आना और वो सब कुछ पीछे छोड़ आते थे

पागल थे, दीवाने थे, वो भोले थे, सयाने थे

दिन आया ही जैसे प्यार का सब मुंह मोड़ जाते थे

दिन ज्यादा कुछ खास न था, वही यौवन जवानी थी

बस उस दिन हाथ मेरे प्यार कि एक निशानी थी

हुआ ऐसा कोई भी आशिक़ी में डूबा न पाया

जिस दिन प्यार मेरे की मुझको रस्म निभानी थी

ना ही यौवन महकता था ना ही संगीत बजता था

पत्थर दिल पर रख कर के हर कोई बच निकलता था

कल का ही दिन था कि होंठों पर मेरा नाम सजता था

मेरे ही नाम की सांसें और सबका दिल धड़कता था

जब कोई न मिला बयां न हो पाई मेरी उलझन

सोचा-विचारा हुई पहेली की थोड़ी सुलझन 

बड़े करके जतन सबको बुलाया मैंने महफ़िल में

दिल की बात बोलूंगी मैं आओ मेरे मित्र गण

कहूंगी आज तुमसे दिल पर मेरे वो राज़ करता है

बस उसके संग ही मेरा इश्क का इज़हार चलता है

मेरी करवटें बदले, महज़ उसको ही नज़रें देखे

मेरे नैनों में उसके नैनों का ही बाण चलता है

हमारी किस्मतों में तू नहीं शायद, जो तेरा इंतज़ार करते थे

तेरे ही लिए बस जीते थे, तेरे लिए हम मरते थे

कुछ यूं कटे कई दिन कि देखने को तरसते थे

गहरी चोट थी दिल पर कमीने फिर भी हंसते थे

फीके पड़ गए थे चेहरे सबके टूट गए अरमान

क्या सोचा था सपनों में और आखिर क्या हुआ अंजाम

प्यार की जो भी निशानी है हमें मंज़ूर है मेहरबान

आपके प्यार की इस डोर को करते हैं हम प्रणाम

मिल जाएगी आपको आपकी गोपियां कहीं ओर 

बस कल को आपके इस प्यार की पूरी बरबादी है

आना भूल मत जाना भईया जी मेरे सारे

आना आपको ज़रूर है कल को मेरी शादी है


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