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SUHAS GHOKE

Comedy Romance Inspirational

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SUHAS GHOKE

Comedy Romance Inspirational

गजल

गजल

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पागलपन का खुमार मोहब्बत मैं फिर दोहराया जाए 

 मेरे लिखे हुए गीत गजल सबको सुनाया जाए


 इश्क मैं ना-उम्मीदी, लाचारी लिए बैठे है 

 अपनी नाकामी लोगों से कैसे बतलाया जाए 


ये इश्क बड़ा अजीब मसला है

वो खुदा नहीं उसको बताया जाए 


कहने को दोबारा कोशिश कर रहा 

अब सब छोड़ एक नया इतिहास रचाया जाए


मिटाता रहा नफरत की दरारों को 

मगर याद रहे इंसानियत ना भुलाया जाए 


सारे यही बात कहते सुकूं तो भूलने में है

उन सारी यादों का सिलसिला कैसे मिटाया जाए


 वो पुरानी बातों को फिर क्या दोहराना 

 जो जुबा पर है उसे कैसे छिपाया जाए।


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