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SUHAS GHOKE

Romance

3  

SUHAS GHOKE

Romance

यादें

यादें

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चाहते तो बेशुमार ही है,

 आंखों में उसका ख्वाब ही है,


उसकी यादें दिल में बसर कर जाती है,

फिर भी मुक़द्दर में तन्हाई ही है,


तस्वीर देख बेहद मुस्कुराता रहा हूं,

चष में आब-ए-चश्म छिपे ही है,


खींचा ही चला जाता हूं उसकी ओर,

दिल में वो है, जो बेहिसाब ही है,


यूं तो हर शक़्स अकेले ही है 

मगर ना जाने क्यों मेरी क़िस्मत बदबख़्त ही है ।



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