मेरे दोस्त
मेरे दोस्त
राज़ की बात कुछ ना थी प्यार में मेरे दोस्त
उसकी कहानी में तो मेरा किरदार ही नहीं था मेरे दोस्त
तेरे संग बिताये हर पल याद आते हैं
वहीं अपने पुराने अड्डे पर तेरा इंतज़ार रहेगा मेरे दोस्त
कुछ मीठे शब्द तेरे, कुछ मेरी गाली सुन कसकर गले लगना है तुझको
तू आज भी वही मेरा पुराना यार है ना मेरे दोस्त
ना की इन दिनों बात ना आए सुबह को हिचकी ना शाम को किया याद
तेरे सारे मशवरे तस्लीम कर रखे वो आज भी असरदार है मेरे दोस्त
करते रहे तुम हमेशा साथ रहने की बातें
दिल कैसे मान ले तुम्हारा ऐतबार ही नहीं था मेरे दोस्त.